
आजाद देश में गुलामी का नया दौर लेकर आया आपातकाल-मा0 ए0के0शर्मा

तानाशाही का सबसे क्रूर चेहरा जबरन नसबंदी-मा0 विधायक दीनानाथ भाष्कर
लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों के प्रति नई प्रतिबद्धता का अवसर भी है-जिलाधिकारी
भदोही -संविधान हत्या दिवस 25 जून, आपातकाल लगाये जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय लोकतंत्र काला अध्याय ‘‘आपातकाल दिवस’’ पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित प्रदर्शनी व संगोष्ठी कार्यक्रम मंत्री, नगर विकास, समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी, उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग, उत्तर प्रदेश/प्रभारी मंत्री ए0के0शर्मा की अध्यक्षता में .सांसद डॉ. विनोद कुमार बिंद, . जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विधायक औराई दीनानाथ भास्कर, . जिलाध्यक्ष भाजपा दीपक मिश्रा व अन्य जन प्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी शैलेष कुमार, पुलिस अधीक्षक अभिमंन्यु मांगलिक की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

सूचना विभाग द्वारा आपातकाल आधारित 02 डाक्यूमेन्ट्री मूवी के माध्यम से आपातकाल से जुड़ी त्रासदी/विपत्तियों से जनमानस को अवगत कराया गया। कैनवास सेट पर उपर्युक्त सहित बड़ी संख्या में जनमानस ने सामूहिक हस्ताक्षर अभियान में अपनी सहभागिता दर्ज करायी। कार्यक्रम स्थल पर देशभक्ति गीत फिल्म में लोकतंत्र और देशभक्ति की थीम से हुए गीत लगातार बजाये गये। उपर्युक्त कार्यक्रम समस्त विधानसभा/तहसील एवं विकास खण्डों में भी आयोजित किया गया।
प्रदर्शनी में मा0 प्रधानमंत्री जी का आपातकाल दिवस विषयक संदेश-‘‘आपातकाल के उन बूरे दिनों को भुलाया नही जा सकता। 1975 से 1977 की समयावधि संस्थानों के सुनियोजित तरीके से विनाश की साक्षी रही है। आइए, हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करें और हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरने का संकल्प लें। मा0 मुख्यमंत्री जी का संदेश भारत के महान लोकतंत्र पर कलंक ‘आपातकाल’ वर्ष 1975 में कांग्रेस पार्टी द्वारा देश पर थोपा गया था। उस अंधकार युग में तमाम अमानवीय यातनाओं को सहते हुए लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हेतु संघर्ष करने वाले सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियो को नमन’। सहित आपात काल के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित कर जनमानस को गहन चिन्तन सहित लोकत्रांतिक व संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूक भी किया गया।
मा0 मंत्री, नगर विकास, समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी, उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग, उत्तर प्रदेश/प्रभारी मंत्री ए0के0शर्मा ने आपातकाल समय पर याद करके बताया कि उन दिनों मैं हाईस्कूल का छात्र था। मैनें आपातकाल की त्रासदी/विपत्तियों को झेला हूॅ। उन्होंने बताया कि उन दिनों सत्ता पर संकट के दृष्टिगत आपातकाल लगाया गया जो भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय साबित हुआ। अनैतिक संसोधनों से संविधान पर हमला हुआ। 38वें से 42वें संसोधन कर संविधान की आत्मा का हत्या की गयी। मीडिया, न्यायपालिका और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा का दमन किया गया। आजाद देश में गुलामी का नया दौर लेकर आया आपातकाल। नागरिकों के मौलिक अधिकार छिन लिए गये, हजारों बेगुनाहों को जबरन जेल भेज दिया गया और कई को गुमनाम मौत दी गयी।
मा0 सांसद डॉ0 विनोद बिन्द ने बताया कि आपातकाल समय में प्रेस मीडिया पर सेंसरशिप लगाकर 3801 समाचार पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त किये गये 327 पत्रकारों को मीसा में बंद किया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद किये गये। खबरों को संसर किया जाने लगा। विरोध में इंडियन एक्सप्रेस ने संपादकीय कॉलम खाली छोड़ा फाईनेंशियल एक्सप्रेस में श्री रवींन्द्रनाथ टैगोर की कविता ‘‘जहां मन भय मुक्त हो और सिर ऊंचा हो’’ (वेयर द माइंड इज विदाउट फियर) प्रकाशित की गई। वर्ष 1977 के चुनाव में देश की जागरूक जनता ने आपातकाल लगाने वालो के खिलाफ भारी मतदान किया। वोट की ताकत से उन काले दिनों पर अपना फैसला देकर जनता-जनार्दन ने लोकतंत्र को कलंकित करने वालों को जबाब दिया।
मा. जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक ऐसा अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता, उस दौर में जिन लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की वे वास्तव में हमारे समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें इस बात का संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे।
मा0 विधायक औराई दीनानाथ भाष्कर ने आपातकाल दिनों में शिक्षा नियंत्रण और चाटुकारिता का दौर, अनकहे अत्याचार तानाशही की मानवीय कीमत, तानाशाही का सबसे क्रूर चेहरा जबरन नसबंदी, आपातकाल की भयावह कहानियॉ के माध्यम से त्रासदी को रेखांकित किया। उन्होंने कारावास और अन्याय की दर्द को उजागर करने वाली पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी कविता संग्रह ‘‘कैदी कविराय की कंुडलियॉ’’ के कविता के माध्यम से जनमानस को जागरूक किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों ने अपनी आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कीमत पर देश को लोकतांत्रिक रास्ते पर बनाए रखा उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त नवागत मुख्य विकास अधिकारी बाल गोबिन्द शुक्ल, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 कुंवर वीरेन्द्र मौर्य, जिला सूचना अधिकारी डॉ0 पंकज कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान, अपर मुख्य अधिकारी अनिल त्यागी, प्रभारी बीएसए विकास चौधरी, केएनपीजी के डॉ0 राहुल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया तथा आपातकाल पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी, ज्ञानपुर चेयरमैन घनश्यामदास गुप्ता, बेसिक व माध्यमिक के शिक्षक, मीडिया बन्धु, अन्य जनप्रतिनिधिगण व बड़ी संख्या में जनपदवासी उपस्थित रहे।