
: ऑपरेशन मुक्ति — बाल श्रम के ख़िलाफ़ भदोही प्रशासन की कड़ी पहल

CRS NEWS reporter 🗞️ श्याम शुक्ला
उत्तर प्रदेश जनपद भदोही में मिशन शक्ति फेज 5.0 के अंतर्गत चलाया जा रहा ऑपरेशन मुक्ति (बचपन बचाओ अभियान) बाल श्रम जैसी कुरीति को जड़ से मिटाने की दिशा में एक ठोस कदम है। 30 जून 2025 को श्रम विभाग व थाना ए०एच०टी० पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित एक भोजनालय से 15 वर्षीय बाल श्रमिक को छुड़ाया जाना इस बात का संकेत है कि अब बाल अधिकारों के हनन को नज़रंदाज़ नहीं किया जाएगा।
यह कोई छुपी बात नहीं है कि होटल, ढाबों और छोटे कारखानों में नाबालिग बच्चों से काम कराना अब भी हमारे समाज में एक कड़वा सच बना हुआ है। कई परिवार गरीबी के चलते बच्चों को काम पर भेजने को मजबूर हैं, तो कई प्रतिष्ठान मालिक सस्ती मज़दूरी के लालच में बच्चों को नौकरी पर रखते हैं। यह कानून और नैतिकता — दोनों के खिलाफ़ है।
जिलाधिकारी श्री शैलेश कुमार और पुलिस अधीक्षक श्री अभिमन्यु मांगलिक के संयुक्त निर्देशन में इस तरह की कार्रवाई यह भरोसा दिलाती है कि सरकार और प्रशासन बाल श्रम के उन्मूलन को केवल काग़ज़ों तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि जमीनी स्तर पर भी इसे गंभीरता से ले रहे हैं।
अक्सर ऐसे अभियानों में सबसे बड़ी चुनौती यह रहती है कि मुक्त कराए गए बच्चों को फिर से बाल श्रम के चक्र में फँसने से कैसे रोका जाए। इसके लिए प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे बच्चों की शिक्षा, पुनर्वास और परिवार की आर्थिक मदद जैसे उपाय भी प्रभावी ढंग से लागू हों।
साथ ही समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। माता-पिता को समझाना होगा कि बच्चों का स्थान स्कूल में है, होटल या कारखाने में नहीं। समाज के जागरूक नागरिकों को भी ऐसे मामलों की सूचना संबंधित विभागों को देकर बाल अधिकारों की रक्षा में भागीदार बनना होगा।
भदोही में चल रहा यह विशेष अभियान बाल मजदूरी के खिलाफ़ एक मिसाल बन सकता है, बशर्ते यह निरंतरता के साथ चले और दोषी प्रतिष्ठान मालिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। यही बच्चों का बचपन बचाने का असली रास्ता है।