लेखों के माध्यम से कई मुहिमों और सामाजिक विषयों ,और जनसमस्याओं को अपने लेखन के माध्यम से अपने विचार प्रकट करने वाले उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत के विचार से जल शक्ति मंत्रालय की तरह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अलग स्वतंत्र मंत्रालय होना चाहिए ।

उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत
स्वतंत्र लेखन,✍️
वर्तमान समय मे उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत के विचार से संपूर्ण भारतवर्ष में एक कदम स्वच्छता की ओर और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम चल रही है प्रमुख प्रमुख चौराहों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सेल्फी प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत अनुरोध है कि जैसे जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है जो जल को बचाने और उसके एक-एक बूंद के सही प्रयोग के लिए जल शक्ति मंत्रालय कार्य कर्ता है,

इसी प्रकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक पढ़ाई के लिए, उन्हें घर से निकलने तक मेडिकल कॉलेज जाने, इंजीनियर निकाले जाने, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय आने जाने,तथा बसों में यात्रा करने, ट्रेनों में यात्रा करने, हवाई जहाज में यात्रा करने आदि सभी जगह उनकी आर्थिक मदद के लिए उनके आर्थिक उत्थान के लिए उन्हें सीनियर सिटीजन की भांति बसों में रेलवे में हवाई जहाज में यानी की प्रत्येक जगह यात्रा करने पर अलग से रिजर्वेशन कोटा बढ़ाया जाए। साथ ही उन्हें टिकट आरक्षण करने में छूट मिले। इसके साथ-साथ मेडिकल की प्रवेश परीक्षा, इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा, कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की प्रवेश परीक्षा आदि में परीक्षा शुल्क में भी बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के अंतर्गत कम से कम 50% छूट मिले साथ ही इसके बाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश होने पर चाहे वह प्राइवेट हो चाहे सरकारी और इंजीनियरिंग कॉलेज में चाहे प्राइवेट हो या सरकारी इसी प्रकार कानून और विधि की पढ़ाई करने वाले चाहे राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हो चाहे फिर प्राइवेट विधि विश्वविद्यालय इन सभी में *बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ* के अंतर्गत कम से कम 50% ट्यूशन फीस माफ करने पर विचार हो। तभी बेटियां जिस भी क्षेत्र में आ रही है उनके मां-बाप को आर्थिक मदद मिलेगी और बेटियां सुरक्षित रूप से बचेगी और पढ़ेगी भी। इसके लिए जरूरी है कि भारत सरकार के स्तर पर एक मंत्रालय बनाया जाए जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत कार्य करें इसके अलावा जो भारत सरकार के अंतर्गत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत मंत्रालय बनाया जाए वह राज्य सरकारों के समन्वय से नगर पंचायत से लेकर राज्य मुख्यालय और राज्य मुख्यालय से लेकर केंद्र मुख्यालय तक समान रूप से बेटियों को सुरक्षित चलने,पढ़ने आदि में प्रत्येक स्तर पर उनका आर्थिक उत्थान करने की दिशा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मंत्रालय कार्य करें। साथ ही यदि किसी बेटी के साथ किसी भी मंत्रालय अथवा विभाग के द्वारा यदि उसके अधिकारों के प्रति अनदेखा किया जाता है अथवा दुर्व्यवहार किया जाता है या फिर उसका और उसके परिवार का उत्पीड़न किया जाता है तो ऐसी स्थिति में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत बनाए जाने वाले *बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मंत्रालय* अथवा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय आयोग उनकी मदद करें। उन्हें आर्थिक, मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें। तभी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम का वास्तविक लाभ बेटियों को पढ़ने में और उनके मां-बाप को जो इस युग में भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी मुहिम को बढ़ावा देने के लिए अपनी बेटियों को समाज के साथ चलने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए कटिबंध हैं उनका उत्साह वर्धन होगा और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम और अधिक तेजी से कार्य करेगी। इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम को और अधिक जोर देने के लिए ऐसे माता-पिता जिनकी एक बेटी अथवा दो बेटी हैं लेकिन पुत्र नहीं है ऐसे माता-पिता को आयकर अधिनियम में रिटर्न दाखिल करते समय विशेष छूट स्पेशल डिडक्शन भी की छूट दी जा सकती है। साथ ही ऐसी फर्म जिन्होंने अपने व्यवसाय को अपनी बेटियों के नाम पर जीएसटी के रूप में रजिस्टर्ड कराया है उन्हें भी विशेष छूट मिले। इससे मुख्य रूप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम को लाभ होगा क्योंकि यदि कोई भी व्यक्ति यदि बेटियों के नाम पर कोई भी कार्य करता है या बेटियों को लेकर कोई नया उद्यम चालू करता है या बेटियों के नाम से वहां भवन आदि खरीदना है तो उसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के अंतर्गत यदि एक प्रतिशत भी छूट दी जाएगी तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश समाज में बहुत अच्छा प्रयास होगा। साथ ही ऐसे माता-पिता जिनकी केवल और केवल दो ही बेटियां हैं ऐसे बच्चियों को चाहे वह इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ें चाहे वह मेडिकल कॉलेज में पड़े चाहे वह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में पहले ऐसी स्थिति में पहली बेटी को ट्यूशन फीस में काम से कम 50% छूट मिले और दूसरी बेटी को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए उसे बेटी के लिए ट्यूशन फीस में बड़ी बेटी को 50% के साथ-साथ छोटी बेटी को कम से कम 75% ट्यूशन फीस में माफ मिले तब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम और अधिक कारगर होगी। इसके लिए जरूरी है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मंत्रालय भारत सरकार के स्तर पर और सभी राज्यों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राज्य मंत्रालय बनाए जाने का विचार हो।