सी आर एस न्यूज मुख्यालय संवाददाता विशाल शर्मा की रिपोर्ट

भदोही स्वास्थ विभाग की लापरवाही से बच्चो के लिए यह दिव्यान्गता सर्टिफिकेट स्पोंसरशिप योजना से जुडाव के लिए भी आवश्यक दस्तावेज है किन्तु यह न प्राप्त होने से ये जरूरतमंद बच्चे सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से भी होते जा रहे वंचित
भदोही उत्तर प्रदेश
. शम्भुनाथ सिंह रिसर्च फाउंडेशन परिवार के सदस्यों ने जिलाधिकारी को पत्रक दे चिकित्सा विभाग पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने की प्रक्रिया में विभागीय असहयोग व लापरवाही किये जाने की समस्या समाधान के लिए किया अनुरोध ।
डॉ. शम्भुनाथ सिंह रिसर्च फाउंडेशन परिवार की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें। सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संस्कृतिविद एवं समाजवेत्ता डॉ. स्व. शम्भुनाथ सिंह की स्मृति में 9 नवम्बर 1989 को स्थापित एवं 31 दिसंबर 1991 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत यह संस्था समाज के वंचित वर्गों, विशेषतः महिलाओं व बड्डों के सर्वांगीण विकास हेतु सतत क्रियाशील है। हमारी संस्था अपनी सहयोगी बाल अधिकार संस्था चाइल्ड राइट्स एण्ड यू (कार्ड) के सहयोग से भदोही जिले के औराई ब्लॉक के 9 गाबों क्रमशः दिघवट, नारायणपुर, ठेगीपुर, निजामपुर, सारीपुर, चकौडा, लक्ष्मणा, लीलापुर और बनवारीपुर में बाल अधिकार संरक्षण के विविध पहलुओं यथा बाल श्रम, बाल बिवाह, बाल यौन शोषण एवं शिक्षा के क्षेत्र में नामांकन, ठहराब व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मुद्दे पर स्थानीय समुदाय, पंचायत व सरकारी हितग्राहियों, के सहयोग से सतत कार्यरत है।
एंकर
सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संस्कृतिविद एवं समाजवेत्ता डॉ. स्व. शम्भुनाथ सिंह की स्मृति में 9 नवम्बर 1989 को स्थापित एवं 31 दिसंबर 1991 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत संस्था के कार्यकर्ताओं ने चिकित्सा विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिव्यांग जन के सहयोग के लिए पूरी तरह प्रतिवद्धता से इनके हीत में योजनाये कार्यक्रम का संचालन का दिशा निर्देश समय-समय पर दे रही है किन्तु अत्यंतखेद के साथ अपने सीमित कार्यक्षेत्र के दिव्यन्गता प्रभावित लाभार्थियों की पीड़ा के क्रम में सर्वप्रथम जनपद में दिव्यान्गता सर्टिफिकेशन कार्य ही पूरी तरह अव्यवहारिक असहज और प्रताड़ित करने वाली प्रक्रिया के साथ चल रहा है। सर्टिफिकेशन के क्रम में ऑनलाइन आवेदन किया जाता है, तदोपरांत मेडिकल बोर्ड द्वारा नियत तिथि पर समस्त प्रक्रियाओं के मंचालन का प्रावधान निहित है। लेकिन क्रमशः अजलि 20/08/2022, जरीना-16/9/2024, गिरजाशंकर-17/03/2025, क्षेत्र के अति आवश्यकता मंद बच्चों के परिजनो को सरकार की मंशा के सकारात्मक पक्ष को बताते हुए सभी दस्तावेज पूर्व कराते हुए ऑलाइन आवेदन करा दिए जाने और लगातार नियत तिथि पर जिला असपताल (मेडिकल बोर्ड से जाँच कराने हेतु) तक चक्कर लगाने के बावजूद आज तक किसी भी बजे का मेडिकल बोर्ड द्वारा जाँच करते हुए प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। जिससे यह महसूस किया जा सकता है की अति गरीब और दूर दराज गाँवो से प्रमाण पत्र उपलब्धता प्रक्रिया पूर्ण करने की आशा में जिस किसी तरह से पहुंचने वाले लाभार्थियों की क्या मनोदशा होती है और सरकार की कार्यप्रणाली से भी भरोषा टूटता है।
बच्चो के लिए यह दिव्यान्गता सर्टिफिकेट स्पोंसरशिप योजना से जुडाव के लिए भी आवश्यक दस्तावेज है किन्तु यह न प्राप्त होने से ये जरूरतमंद बच्चे सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से भी वंचित रह जा रहे है।
संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा जिलाधिकारी से किया गया अनुरोध उपरोक्त क्रम में –
1. ना केवल हमारे द्वारा आवेदित 3 बच्चों के आवेदन को संज्ञान में लिया जाये बल्कि पुरे जनपद में विगत 1 वर्ष में कुल कितने ऑनलाइन आवेदन आए और कितने को प्रमाणपत्र निर्गत हुआ ।
2. मेडिकल बोर्ड प्रत्येक नियत तिथि पर और नियत समय पर अपने सम्पूर्ण सदस्यों के साथ कितने सम्पादित किया है और कितने नहीं कर पाए है कि जाँच किया जाये ।
3. आवेदन के तत्काल पश्चात् विभाग से आवेदन कर्ता को स्वयं दूरभाष द्वारा संपर्क करके नियत तिथि पर आने की सुचना दी जाती है? और अगर नहीं तो यह प्रक्रिया शुरू कराने का निर्देश जारी कराने का कष्ट करे ताकि असहाय जरुरत मंद लाभार्थी अनावश्यक शारीरिक, मानसिक और आर्थिक चोट से बच सके |
महोदय, आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है की जनपद आगमन के साथ जैसे आपने हर विभाग में अपने मार्गदर्शन के जरिये सक्रियता लायी है उसी प्रकार हमारे इस आवेदन को भी संज्ञान में लेते हुए बाल अधिकार संरक्षण की दिशा में भी आपका अमूल्य सहयोग प्राप्त होगा और पुरे जनपद स्तर पर दिव्यान्गता सर्टिफिकेशन कार्य सहज, सुनिश्चित, संभव होगा |