
भदोही
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भदोही में नवगठित शोध एवं नवाचार प्रकोष्ठ एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में विभाजन की त्रासदी एवं उसके बाद का भारत विषय पर व्याख्यान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ माननीय जिलाधिकारी महोदय ने माँ सरस्वती की प्रतिमा को मार्त्यापण एवं दीप प्रज्वलन करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये

माननीय जिलाधिकारी महोदय ने शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने हेतु आयोजित व्याख्यान गोष्ठी का महत्व बताते हुये विभाजन की त्रासदी एवं उसके बाद का भारत विषय पर चर्चा की। साथ ही साथ प्रशिक्षुओं को भविष्य के प्रति मार्गदर्शन दिया जिसमें अपने अनुभवों को साझा किया।
संगोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी महोदय मुख्य अतिथि रहे। मुख्य विकास अधिकारी महोदय ने कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षिक क्षमता में उन्नयन होता है। संगोष्ठी में उपस्थित गणमान्य वक्ताओं को मोमेंटो एवं शॉल से सम्मानित किया गया। इसके पश्चात् डायट प्राचार्य श्री विकास चौधरी ने जिलाधिकारी महोदय एवं अन्य विशिष्ट जनों को धन्यवाद देते हुये बताया कि ऐसे आयोजनों से शोध कार्य को दिशा प्राप्त होती है। साथ ही साथ डायट प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन होता है।

संगोष्ठी संयोजक डॉ० सुलभ श्रीवास्तव ने नवगठित शोध एवं नवाचार प्रकोष्ठ के उद्देश्यों को बताते हुये उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी व्याख्यान में आये वक्ताओं से सबका परिचय कराया। जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तीन संघटक महाविद्यालयों में सी०एम०पी० डिग्री कॉलेज से मध्यकालीन इतिहास विभाग के डॉ० नीरज कुमार सिंह, आर्यकन्या डिग्री कॉलेज से राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ० अवधेश कुमार, ईश्वर शरण डिग्री से अर्थशास्त्र विभाग से डॉ० वेद प्रकाश मिश्रा के साथ साथ के०एन०पी० जी० कॉलेज के डॉ० देवेश कुमार यादव एवं वी०एन०जी०आई०सी० ज्ञानपुर भदोही से डॉ० राजेश कुमार पाण्डेय अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये।
संगोष्ठी में धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी समन्वयक डॉ० अनामिका तिवारी ने किया। इस अवसर पर डायट प्रवक्ता डॉ० स्मिता सिंह, श्री संजीत भारती, श्री भानु प्रकाश यादव, श्री गणेश कुमार, श्री अरविन्द सोनकर, श्री कुतुबउद्दीन खान, श्रीमती वन्दना भारती, श्री योगेन्द्र यादव इत्यादि उपस्थित रहे।