इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, अदालत का आदेश मजाक नहीं है। इसका पालन कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसमें भदोही के डीएम पूरी तरह से फेल हो गए। सोमवार को लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता (जेई) के साथ पेश हो कर बताएं कि उन्होंने जमीन की पैमाइश के लिए गठित न्यायिक आयोग का सहयोग क्यों नहीं किया। क्या वे अदालत के आदेश का अनुपालन अपनी सुविधानुसार करेंगे?
तल्ख टिप्पणी संग यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने अनिल कुमार की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। मामला भदोही में एक भूखंड की पैमाइश से जुड़ा है। इसके लिए कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की अध्यक्षता में आयोग गठित कर रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट में कोर्ट ने पाया कि जमीन के सर्वेक्षण में ‘टोटल स्टेशन तकनीक’ का उपयोग नहीं किया गया था, जिसे भूमि मापन की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक माना जाता है। लिहाजा, कोर्ट ने रिपोर्ट सिरे से खारिज कर दी
वहीं, रिपोर्ट में पाया कि लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता शिव प्रसाद ने तकनीकी स्टाफ की अनुपलब्धता का हवाला दिया है। कोर्ट ने इस तर्क पर नाराजगी जताई। साथ ही भदोही के डीएम को भी फटकारा। कहा, अदालत के आदेश का कोई विकल्प नहीं होता। इसका अक्षरशः पालन कराना प्रशासन की परीक्षा व डीएम की जिम्मेदारी है। सर्वेक्षण के दौरान न्यायिक आयोग का सहयोग करना इनका दायित्व था। इसमें डीएम पूरी तरह फेल हुए हैं। डीएम और सहायक अभियंता अदालत में पेश हो कर सफाई दें।
24 घंटे में डीएम तक पहुंचाएं आदेश
कोर्ट ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) का आदेश की प्रति भदोही के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के जरिये 24 घंटे में डीएम व संबंधित अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है।
क्या है टोटल स्टेशन तकनीक
टोटल स्टेशन तकनीक एक बहुमुखी-शक्तिशाली उपकरण है, जो सर्वेक्षण और निर्माण के लिए सटीक माप प्रदान करता है। यह सर्वेक्षणकर्ताओं-इंजीनियरों को अधिक सटीक और कुशल तरीके से कार्य करने में मदद करता है। इसका उपयोग भूमि सर्वेक्षण, इमारतों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किया जाता है। साथ ही इसके जरिये खनिजों व अन्य भूगर्भीय संरचनाओं की जानकारी का डाटा एकत्र किया जाता है