✍ संवाददाता – श्याम शुक्ला
भदोही। नेशनल हाईवे-731 बी के निर्माण कार्य में विभागीय ठेकेदारों ने मिट्टी की जरूरत पूरी करने के लिए संदलूवीर, शेरपुर गोपलहा, दुर्गागंज और सुरियावा क्षेत्र समेत कई गांवों के तालाबों को खोद डाला। मिट्टी निकाल लेने के बाद तालाबों को बिना समतलीकरण और सुंदरीकरण कराए अधूरा छोड़ दिया गया। नतीजा यह हुआ कि तालाब बदसूरत और खतरनाक गड्ढों में तब्दील होकर गांववासियों की जान व माल पर संकट बन गए हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में जदुपुर गांव के तालाब में एक महिला सहित तीन बच्चों की मौत डूबकर हो चुकी है। वहीं कई स्थानों पर पानी पीने गए पशु भी तालाबों में फंसकर मर चुके हैं। पप्पू कनौजिया ने आरोप लगाया कि सरायसराय रोड के पास बना तालाब पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है। बरसात होने के बावजूद उसमें पानी नहीं टिकता और उसमें उतरने वाले जानवरों की जान जोखिम में पड़ जाती है। ग्रामीण दुर्गेश तिवारी का कहना है कि तालाबों का तत्काल समतलीकरण और सुंदरीकरण कराया जाए। वहीं रमेश ने सुझाव दिया कि ढाल इस तरह बनाई जानी चाहिए कि इंसान और पशु दोनों आसानी से पानी तक पहुंच सकें।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से ही यह हालात बने हैं। परमिशन देकर मिट्टी तो निकाल ली गई, लेकिन मानकों का पालन और देखरेख पूरी तरह उपेक्षित रही। शिकायतें बार-बार करने के बावजूद अधिकारी टस से मस नहीं हुए।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने अब भी सही दिशा में कदम नहीं बढ़ाए तो यह तालाब हादसों का स्थायी कारण बन जाएंगे। हालात अब ऐसे बन गए हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों पर जनदबाव तेजी से बढ़ रहा है और अगर समय रहते सुधार न हुआ तो उन्हें हर सवाल से बचने के लिए इधर-उधर भागना ही पड़ेगा।